मटर की फसल 60 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है। आजकल, नई तकनीकों के माध्यम से मटर को साल भर संरक्षित किया जा रहा है और बेचा जा रहा है।
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किसान की पसंद
खरीफ फसलों की कटाई के बाद, किसान अब रबी फसलों की तैयारी में जुट गए हैं। इस बीच, किसानों के पास जल्दी रबी फसलों को बोने का एक सुनहरा अवसर है। इस संदर्भ में, मटर की खेती किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। एक किसान 60 से 70 दिनों में एक हेक्टेयर में लगभग 90 हजार रुपये तक कमा सकता है।
मटर की खेती से लाभ
डॉ. विवेक त्रिपाठी, जो चंद्रशेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA) के प्रोफेसर हैं, बताते हैं कि ‘मटर का उपयोग दो तरीकों से किया जा सकता है। पहले, यह सब्जी के रूप में बहुत लोकप्रिय है। साथ ही, इसका उपयोग दाल के रूप में भी किया जाता है। मटर की खेती से कम समय में अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा, यह खेतों की उर्वरता भी बढ़ाता है। यदि इसे फसल चक्र के अनुसार बोया जाए, तो यह भूमि को बहुत उर्वर बना सकता है।’
डॉ. त्रिपाठी यह भी बताते हैं कि मटर में मौजूद राइजोबियम बैक्टीरिया भूमि की उर्वरता बढ़ाने में सहायक होते हैं। यदि इसकी जल्दी वाली किस्में अक्टूबर-नवंबर में बोई जाएं, तो यह एक लाभकारी फसल बन सकती है।
मालामाल बना देगी मटर की उन्नत किस्मे
- आर्किल: यह एक फ्रेंच किस्म है। इसकी दाना उपज प्रतिशत (40%) अधिक होती है। इसका पहला तोड़ाई 60-65 दिन बाद होती है। हरी फली की उपज 8-10 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
- बीएल (VL-7): यह किस्म विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में विकसित की गई है। इसका औसत उपज 10 टन प्रति हेक्टेयर है।
- जवाहर मटर 3 (JM3): यह किस्म जबलपुर में विकसित की गई है और इसका पहला तोड़ाई 50 दिन बाद होती है। औसत उपज 4 टन प्रति हेक्टेयर है।
- जवाहर मटर 4 (JM4): इसका पहला तोड़ाई 70 दिन बाद होती है और औसत फली की उपज 7 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
- हरभजन (EC 33866): यह एक जल्दी पकने वाली किस्म है, जिसकी पहली तोड़ाई 45 दिन बाद की जा सकती है। औसत फली की उपज 3 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
- पंत मटर – 2 (PM-2): इसकी पहली तोड़ाई 60-65 दिन बाद होती है और औसत उपज 7-8 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
- पंत वेजिटेबल मटर: यह एक जल्दी पकने वाली किस्म है और इसकी हरी फली की उपज 9-10 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
- पंत वेजिटेबल मटर 5: इसकी पहली तोड़ाई 60 से 65 दिन के भीतर होती है और हरी फली की उपज 90-100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।
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कितनी होगी कमाई
मटर की फसल 60 से 70 दिनों में तैयार होती है और इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है। डॉ. विवेक के अनुसार, मटर का मूल्य 40-50 रुपये प्रति किलो होता है। यदि हम इसे 30 रुपये प्रति किलो मानें, तो एक हेक्टेयर से लगभग 90 हजार से 1 लाख रुपये कमाए जा सकते हैं। इस फसल पर खर्च अधिकतम 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर होगा, जिससे शुद्ध लाभ 70 से 90 हजार रुपये हो सकता है।