जंगल का दुश्मन, इंसान का दोस्त! ये पौधा है कमाल का, जानिए कैसे भारत में 7000 से ज्यादा औषधीय पौधे हैं, जिनका आयुर्वेद में खूब इस्तेमाल होता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जो विदेशी होने के साथ-साथ कई बीमारियों का रामबाण भी है। हम बात कर रहे हैं अमेरिकन लैंटाना की, जो अमेरिका और अफ्रीका मूल का पौधा है।
जंगलों का कैंसर
अंग्रेजों ने इस पौधे को सजावटी पौधे के तौर पर दक्षिण अमेरिका से भारत लाया था। लैंटाना को जंगलों का कैंसर भी कहा जाता है। इस फूल वाले पौधे से भारतीय जंगल गंभीर खतरे में हैं। इस बेहद खतरनाक पौधे का नाम छतियानाशी है जबकि इसका वैज्ञानिक नाम लैंटाना कैमरा है और आम बोलचाल में इस पौधे को पंचफूली भी कहा जाता है।
बीमारियों का इलाज
सदियों से पारंपरिक दवाओं में ‘लैंटाना’ पौधों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। कहा जाता है कि लैंटाना का इस्तेमाल बुखार, सर्दी, खांसी, सिरदर्द, त्वचा संक्रमण और पाचन समस्याओं जैसी कई आम स्वास्थ्य समस्याओं में किया जाता है। इस पौधे में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण भी पाए जाते हैं।
घाव भरने का रामबाण
अमेरिकन लैंटाना का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के घावों को भरने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल फिस्टुला, बवासीर, मिर्गी, मलेरिया में बहुत अच्छा किया जाता है। लेकिन इसका मुख्य उपयोग घाव भरने में है।
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मिट्टी की सेहत बिगाड़ता है
यह पौधा मिट्टी के पोषक तत्व चक्र को बदल देता है, जिसके कारण वहां कोई अन्य देशी पौधा नहीं उग सकता है। इस पौधे के आक्रमण के परिणामस्वरूप जंगली शाकाहारी जानवरों के लिए देशी चारा पौधों की कमी हो गई है।