DAP खाद का भी बाप है ये नया उर्वरक, मार्केट में भी मिलेगा आधे दाम में, फसले चमकेगी सोने माफिक

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

बरसात का आंकड़ा अच्छा होने के चलते इस वर्ष रबी फसलों का कुल क्षेत्रफल 78,150 हेक्टेयर होने का अनुमान लगाया गया है। किसानों को बेहतर उपज के लिए डीएपी उर्वरक के साथ-साथ वैकल्पिक खाद भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिसमें सिंगल सुपरफास्फेट (एसएसपी) और एनपी ग्रेड उर्वरक शामिल हैं। कृषि विभाग द्वारा इन उर्वरकों के लाभ किसानों को समझाए जा रहे हैं। एसएसपी राज्य में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के कारण आसानी से मिल जाती है, जबकि डीएपी उर्वरक के लिए अन्य राज्यों और विदेशों से आयात पर निर्भर रहना पड़ता है।

यह भी पढ़िए :- मध्यप्रदेश में मुफ्त गेहूं-चावल की मात्रा में हुआ बदलाव, इन जिलों में बढ़ी गेहूं की मात्रा

इन फसलों के लिए रामबाण

कृषि विभाग के वैज्ञानिको के अनुसार, एसएसपी एक फास्फोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें 16% फास्फोरस और 11% सल्फर होता है। सल्फर की उपस्थिति के कारण यह उर्वरक तिलहन और दलहन फसलों के लिए डीएपी की तुलना में अधिक फायदेमंद साबित होता है। एक बैग डीएपी की कीमत में तीन बैग एसएसपी खरीदे जा सकते हैं, और तीन बैग एसएसपी से प्राप्त पोषक तत्वों की तुलना में एक बैग डीएपी से प्राप्त पोषक तत्व कम होते हैं। एसएसपी के साथ यूरिया का उपयोग करने से फसल बुवाई के समय खेत को नाइट्रोजन, फास्फोरस और सल्फर जैसे आवश्यक पोषक तत्व कम लागत में मिल जाते हैं।

इस उर्वरक में मिलेगा संतुलित पोषण

एनपी ग्रेड उर्वरक संतुलित पोषण के लिए अधिक उपयुक्त है और बाजार में इसके कई ग्रेड उपलब्ध हैं। डीएपी की तुलना में एनपी ग्रेड उर्वरक अधिक उपयुक्त साबित होता है। जिले में उर्वरकों की आपूर्ति सहकारिता और निजी क्षेत्र के विक्रेताओं द्वारा की जाती है। संतुलित उर्वरक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत सहकारी समितियों में एसएसपी और एनपी ग्रेड उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

यह भी पढ़िए :- Free Cylinder: दिवाली के पहले आई खुशखबरी इन लोगो को फ्री में मिलेगा सिलेंडर

रबी फसल की तैयारी

जिले में रबी फसलों के उत्पादन के लिए 32,000 हेक्टेयर में गेहूं, 25,000 हेक्टेयर में सरसों, 4,500 हेक्टेयर में चना, 12,000 हेक्टेयर में जीरा, 1,000 हेक्टेयर में जौ, 1,000 हेक्टेयर में ईसबगोल और 2,650 हेक्टेयर में अन्य फसलें उगाने की योजना है। इसके लिए 18,200 मीट्रिक टन यूरिया, 4,500 मीट्रिक टन डीएपी, 3,500 मीट्रिक टन एसएसपी और 2,500 मीट्रिक टन एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक की जरूरत का अनुमान है। रबी बुवाई शुरू होने से पहले 170 पंचायतों में कृषक गोष्ठियों के माध्यम से 6,273 किसानों को समन्वित उर्वरकों के उपयोग की जानकारी दी गई है।