Sarso Ki Kheti:सरकार राज्य में तिलहन की खेती के क्षेत्रफल को बढ़ाने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है। विशेष रूप से सरसों की खेती पर जोर दिया जा रहा है, क्योंकि यह फसल कम समय और लागत में अच्छी आय देती है। यह किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, ताकि वे अपनी आय बढ़ा सकें और आर्थिक स्थिरता प्राप्त कर सकें।
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किसानों के लिए लाभकारी नई सरसों की किस्म
कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसानों के लिए लाभकारी नई सरसों की किस्म, पुसा सरसों-32 विकसित की गई है। यह किस्म विशेष रूप से सफेद रस्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है, जो फसल की सुरक्षा बढ़ाती है। प्रति हेक्टेयर 25 से 27 क्विंटल उत्पादन करने की क्षमता इसे किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
बेहतर मुनाफा कमाने का मौका
इसकी उच्च उपज किसानों को बेहतर मुनाफा कमाने का मौका देती है। पुसा सरसों-32 न केवल आर्थिक लाभ के लिए बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इस किस्म में एरुसिक एसिड की मात्रा बहुत कम होती है, जो हृदय रोगों के खतरे को कम करती है।
स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर
इसके अलावा इसमें ग्लूकोसिनोलेट की मात्रा सामान्य सरसों की तुलना में बहुत कम होती है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प साबित होती है। सरसों का तेल भी कम फोम बनाता है, जिससे यह और भी उपयोगी हो जाता है।
बम्फर मुनाफा
किसान इस सरसों की खेती से प्रति हेक्टेयर 1 लाख से 1 लाख 10 हजार रुपये तक कमा सकते हैं। यह फसल न केवल निवेश के मामले में लाभकारी है, बल्कि इसके उत्पादन में भी बहुत अच्छे परिणाम देती है। इससे किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का एक मजबूत अवसर मिलता है।
100 दिन में पक कर रेडी
पुसा सरसों-32 की एक और खासियत है कि यह सिर्फ 100 दिनों में पक जाती है। यह शीघ्र पकने वाली फसल किसानों को जल्दी से आय कमाने की अनुमति देती है, जिससे वे अगले मौसम में अधिक फसलें उगाने की योजना बना सकते हैं।