Rice Export हमारे भारत में धान की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है. इसलिए धान उत्पादक किसानो के लिए बड़ी खबर मिली है.केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चावल निर्यात पर बड़ा फैसला सुनाया है. केंद्र सरकार ने गैस बासमती चावल के निर्यात को खोलने और न्यूनतम निर्यात मूल्य के मूल्य निर्धारण को भी मंजूदी दी है. गैर बासमती सफेद चावल पर 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य निर्धारित किया है. पारबॉइल्ड और ब्राउन चावल पर घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। जो की शुल्क 20 फीसदी था।
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चावल की निर्यात कीमत अब किसान के हाथ
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने बताया की सरकार बासमती चावल पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त करेगी। जिससे धान उत्पादक किसान निर्यात से फायदा ले पाएंगे, आपको बता दे सरकार ने 20 जुलाई 2023 से सफ़ेद बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाया था. लेकिन अब किसान निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर चावल का निर्यात कर पाएंगे।
कृषि मंत्री के एलान
इस फैसले के साथ कृषि मंत्री ने तुअर, उड़द और मसूद के किसानों की पूरी फसल की खरीद पर भरोसा जताया है. इसके अतिरिक्त खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी किया है. केंद्र सरकार ने 2027-28 तक दलहल के मामले में हम आत्मनिर्भर हो ऐसा लक्ष्य लिया है.
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सरकार के अन्य फैसले
रिफाइंड तेल पर मूल्य शुल्क बढ़ाकर 32.5 फीसदी ,खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी किया है लेकिन अन्य चीजे जुड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5 फीसदी होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 क्षेत्रीय फसलें और 27 बागवानी फसलों की नई किस्में किसानो के लिए लायी है. प्याज पर निर्यात शुल्क को कम किया है.