PM-AASHA: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) का विस्तार 2025-26 तक करने को मंजूरी दे दी है, जिसमें सरकार 35,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस योजना के तहत मूल्य समर्थन योजना, मूल्य स्थिरीकरण निधि, मूल्य घाटा भुगतान योजना और बाजार हस्तक्षेप योजना शामिल हैं। सरकार के इस फैसले से किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य मिलने में मदद मिलेगी और उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुएं सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगी।
एमएसपी में वृद्धि और किसानों को राहत
सरकार ने 2024-25 सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 45,000 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे राज्यों को एमएसपी पर फसल खरीदने में मदद मिलेगी। इस सीजन में दालों, तिलहन और नारियल का खरीद 25% तक होगी, जबकि तुअर, उड़द और मसूर की खरीद 100% होगी। इससे इन फसलों की खेती बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी।
प्याज और दालों के लिए बफर स्टॉक
सरकार ने प्याज और दालों के लिए बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया है, जिससे जमाखोरी और सट्टा रोकने में मदद मिलेगी। इस कदम से उपभोक्ताओं को अत्यधिक मूल्य अस्थिरता से राहत मिलेगी। इसके साथ ही टमाटर, दाल, चावल और आटा जैसे अन्य उत्पादों के लिए भी विशेष फैसले लिए गए हैं।
मूल्य घाटा भुगतान में बदलाव
इस योजना के तहत तिलहन फसलों का कवरेज 25% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है और इसके कार्यान्वयन की अवधि 3 महीने से बढ़ाकर 4 महीने कर दी गई है। सरकार एमएसपी और बिक्री मूल्य के बीच के अंतर को अधिकतम 15% तक वहन करेगी।
बाजार हस्तक्षेप में सुधार के प्रयास
नाशवान बागवानी फसलों का कवरेज 20% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया है। किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान किया जाएगा, ताकि उन्हें उचित मूल्य मिले। टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) फसलों के लिए, सरकार ने नाफेड और एनसीसीएफ जैसी एजेंसियों द्वारा परिवहन और भंडारण लागत वहन करने का फैसला किया है, जिससे इन उत्पादों के दामों में स्थिरता आएगी और किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा।