MP Soyabean Procurement:- खरीब की फसलों की मार्केट में आवक शुरू हो चुकी है,इस बार सोयाबीन के दामों को लेकर रस्साकसी का खेल चल रहा है, मध्यप्रदेश में 2 अक्टूबर ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन किया गया. आम सभाओ में हर जगह सोयाबीन के भाव 6000 रूपये की खरीदी का प्रस्ताव रखा गया. इन प्रस्तावों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पास भेजा गया है, फिर आगे प्रशाशन इस पर विचार करेगा।
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मध्यप्रदेश में गांधी जयंती पर ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा हुई। इसमें 2 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने 6 हजार रुपए में सोयाबीन खरीदे जाने का प्रस्ताव पास किया। पंचायत सचिव को दिया गया प्रस्ताव जनपद से जिला पंचायत CEO के पास जाएगा। इसके बाद प्रशासन और फिर प्रदेश सरकार तक विचार के लिए प्रस्ताव जाएगा।
किसानो की मांग
मध्यप्रदेश के किसान लगातार सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 6,000 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं। मध्यप्रदेश भारत में सोयाबीन उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है, जहां देश की लगभग 41.6% सोयाबीन की पैदावार होती है। किसानों का कहना है कि लागत के हिसाब से उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। हाल ही में, मोहन कैबिनेट ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4,600 से बढ़ाकर 4,892 रुपए कर दिया, जिस पर केंद्र सरकार ने भी सहमति जताई थी।
6,000 रूपये प्रति क्विंटल की मांग
मध्यप्रदेश के किसान अब भी सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6,000 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग पर डटे हुए हैं। किसान संगठनों ने पहले 1 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्काजाम करने का फैसला किया था, लेकिन फिलहाल आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है। इस दिन दोपहर 12 से 3 बजे तक नेशनल और स्टेट हाईवे सहित अन्य सड़कों को बंद करने की योजना थी।
आंदोलन स्थगित
मालवा और निमाड़ क्षेत्र में हुई भारी बारिश से फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे किसान निराश हैं। इसी कारण किसान संगठनों ने फिलहाल चक्काजाम को स्थगित कर दिया है, ताकि निराश किसान इस दौरान कोई अनुचित कदम न उठा लें। इस बीच, किसान अब अपनी बर्बाद फसल और समर्थन मूल्य की मांग को लेकर नई रणनीति तैयार कर रहे हैं।
चक्काजाम को लेकर आव्हान
किसान संगठनों ने यह स्पष्ट किया है कि उनका आंदोलन सिर्फ सांकेतिक नहीं होगा, बल्कि अब यह पूरे दिन का चक्काजाम होगा। किसान नेता केदार सिरोही ने कहा कि यह आंदोलन लंबे समय तक चलने वाला है, और किसान चरणबद्ध तरीके से अपनी मांगें उठाते रहेंगे। फिलहाल मंडियों में सोयाबीन की आवक कम है, इसलिए उन्होंने आंदोलन को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है।
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कांग्रेस नेता यादव ने कहाँ
किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सोशल मीडिया के जरिए किसानों को संदेश दिया था। उन्होंने सुझाव दिया था कि 2 अक्टूबर को होने वाली ग्राम सभाओं में प्रस्ताव पारित कर किसानों के लिए 6,000 रुपए प्रति क्विंटल सोयाबीन, 3,100 रुपए धान, और 2,500 रुपए मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग की जाए।