योगी सरकार किसानों के हित में लगातार प्रयासरत है और उनके उत्थान के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। उत्तर प्रदेश में किसानों को कृषि यंत्रीकरण के तहत विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों और सुविधाओं पर अनुदान का लाभ मिल रहा है। इसके अंतर्गत किसान कृषि रक्षा उपकरण, कस्टम हायरिंग सेंटर, हाईटेक हब, थ्रेसिंग फ्लोर और छोटे गोदाम पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। इच्छुक किसान 23 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं।
यह भी पढ़िए :- लाड़ली बहनो के बाद अब इन नागरिको के लिए लांच किया सरकार ने नया मिशन, अब तो बल्ले-बल्ले
कैसे करे आवेदन
किसान www.agriculture.up.gov.in पर जाकर “यंत्र पर अनुदान हेतु बुकिंग करें” लिंक पर क्लिक करके आवेदन कर सकते हैं। 10,000 रुपये तक के अनुदान वाले यंत्रों के लिए बुकिंग की जा सकती है। आवेदन के लिए, किसान या उनके परिवार का मोबाइल नंबर ही इस्तेमाल किया जाएगा और बुकिंग की तिथि से 10 दिनों के भीतर कृषि बिल पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। आवेदन के दौरान, ओटीपी सत्यापन की प्रक्रिया भी पूरी करनी होगी। समय पर बिल अपलोड न होने की स्थिति में बुकिंग स्वतः निरस्त हो जाएगी।
बुकिंग के लिए लगने वाले शुल्क
10,000 से 1 लाख रुपये तक अनुदान वाले यंत्रों के लिए बुकिंग शुल्क 2500 रुपये होगी,1 लाख से अधिक अनुदान वाले यंत्रों के लिए 5000 रुपये शुल्क देना होगा।यदि लक्ष्य पूरा हो जाता है या किसान ई-लॉटरी में चयनित नहीं होते हैं, तो बुकिंग शुल्क वापस कर दी जाएगी।
महत्वपूर्ण तिथियां
किसान 9 से 23 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं। यदि आवेदनों की संख्या लक्ष्य से अधिक होती है, तो जिला स्तरीय कार्यकारी समिति द्वारा ब्लॉकवार लाभार्थियों का चयन ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा।
यह भी पढ़िए :- बिना सिबिल के चुटकी बजाते मिलेगा ₹25000 का लोन वो भी बिना Income Proof, जाने कैसे No Cibil Instant Loan Approval
ई-लॉटरी सिस्टम
लाभार्थियों का चयन ई-लॉटरी से किया जाएगा। चयनित लाभार्थियों के अतिरिक्त 50% तक प्रतीक्षा सूची भी तैयार की जाएगी। चयनित किसान यंत्र क्रय कर 30 दिन के भीतर पोर्टल पर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करेंगे। कस्टम हायरिंग सेंटर, हाईटेक हब और फार्म मशीनरी बैंक के लिए 45 दिन का समय दिया जाएगा।
कृषि यन्त्र खरीदने के लिए
किसान निर्धारित मानकों के यंत्र www.upyantratracking.in पर पंजीकृत यंत्र निर्माताओं से क्रय कर सकेंगे।
ई-लॉटरी की तिथि, समय और स्थान की जानकारी जिला कृषि निदेशक द्वारा दी जाएगी।