Gobar Dhan Yojana : ग्रामीण इलाको के नागरिकों को स्वच्छ ईंधन और आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने गोबर-धन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत सरकार बायोगैस प्लांट स्थापित करने पर 37,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है, ताकि ग्रामीण लोग आसानी से प्लांट लगा सकें। यह योजना पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ-साथ ग्रामीण रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है। बायोगैस प्लांट से ग्रामीणों को स्वच्छ ईंधन मिलता है और परंपरागत ईंधन पर होने वाला खर्च कम हो जाता है।
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37 हजार रुपये की सब्सिडी देगी सरकार (Gobar Dhan Yojana)
गोबर-धन योजना के अंतर्गत बायोगैस संयंत्र और जैविक खाद उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए 37 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। इसके तहत ग्रामीण लोग गोबर और जैविक कचरे का उपयोग करके बायोगैस और जैविक खाद का उत्पादन कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
गोबर-धन योजना(Gobar Dhan Yojana) के क्या होंगे फायदे
ग्रामीण इलाकों में खाना बनाने के लिए बायोगैस का उपयोग किया जाता है, जिससे धुएं की समस्या नहीं होती और स्वच्छ हवा मिलती है।
बायोगैस प्लांट से उत्पादित खाद का उपयोग खेतों में किया जा सकता है, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ती है।
जैविक अपशिष्टों का पुनर्चक्रण करने से पर्यावरण स्वच्छ रहता है और कचरे की समस्या भी कम होती है।
इस योजना के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
गोबर-धन योजना का लाभ सभी राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध है। यह योजना विशेष रूप से किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है ताकि वे पशुओं के गोबर और जैविक कचरे का सदुपयोग कर सकें।
गुजरात ने पकड़ी रफ्तार
गुजरात में गोबर-धन योजना को काफी सफलता मिली है,वर्तमान में राज्य में 7,276 बायोगैस प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं,राज्य सरकार ने अब 10,000 और बायोगैस प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जिससे रोजगार के और अधिक अवसर सृजित होंगे।
योजना का उद्देश्य और शुरुआत (Gobar Dhan Yojana)
गोबर-धन योजना की शुरुआत 1 नवंबर 2018 को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा की गई थी। इस योजना का उद्देश्य मवेशियों के गोबर और कृषि अवशेषों को बायोगैस, संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) या बायो-सीएनजी में परिवर्तित करना है। योजना के तहत उत्पादित बायोगैस का उपयोग खाना पकाने और बिजली उत्पादन में किया जा सकता है।
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पशुपालकों के लिए सुनहरा मौका
इस योजना का लाभ उठाने के लिए पशुपालकों के पास कम से कम दो पशु होने चाहिए। 2 घन मीटर क्षमता वाले बायोगैस प्लांट की लागत लगभग 42,000 रुपये होती है, जिसमें से 25,000 रुपये की सब्सिडी सरकार देती है, जबकि 12,000 रुपये का खर्च मनरेगा के तहत आता है। पशुपालकों को केवल 5,000 रुपये का ही खर्च करना पड़ता है, जिससे यह योजना उनके लिए किफायती बन जाती है।
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गोबर-धन योजना के लिए कैसे करे आवेदन
- आवेदन के लिए राज्य के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की आधिकारिक वेबसाइट या पंचायत विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा।
- आवेदन फॉर्म को वेबसाइट से डाउनलोड करके आवश्यक जानकारी भरें।
- पहचान पत्र, बैंक खाता विवरण, निवास प्रमाण पत्र और पशुधन प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ों को आवेदन के साथ संलग्न करें।
- आवेदन फॉर्म को संबंधित विभाग में जमा कर दें। जांच के बाद, आपके आवेदन को मंजूरी मिलते ही आपको सब्सिडी प्रदान की जाएगी।