2 महीने मिलने वाला फल की खेती, किसान की चमकेगी किस्मत, छप्परफाड़ मुनाफा होगी कमाई, जाने कैसे की जाती है खेती

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2 महीने मिलने वाला फल की खेती, किसान की चमकेगी किस्मत, छप्परफाड़ मुनाफा होगी कमाई, जाने कैसे की जाती है खेती।

नमस्ते दोस्तों आज आपके लिए बहुत शानदार फसल की खेती लेकर आये है। जिसका नाम सिंघाड़ा है। सिंघाड़े की खेती एक विशेष प्रकार की जल कृषि है, जिसे आमतौर पर तालाबों, झीलों या नदियों के किनारे किया जाता है। यह एक पौधा है जो पानी में उगता है और इसके फल, जिसे सिंघाड़ा कहा जाता है। सिंघाड़े की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है।

सिंघाड़े की खेती

सिंघाड़े की खेती करना बहुत आसान है। इस फल की खेती सिंघाड़े की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है। ऐसी भूमि जहाँ पानी स्थिर रहता है, जैसे तालाब या झील, उपयुक्त होती है। मिट्टी हल्की और उपजाऊ होनी चाहिए। अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें, जो स्थानीय बाजार में उपलब्ध हों। सामान्यतः सिंघाड़े की बुवाई मानसून के समय की जाती है, जब पानी की उपलब्धता अधिक होती है। सिंघाड़े को बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए सुनिश्चित करें कि जल स्तर बना रहे। जैविक खाद का उपयोग करने से उत्पादन में सुधार हो सकता है। खरपतवार नियंत्रण और फसल की निगरानी करें ताकि किसी प्रकार की बीमारी या कीटों का प्रकोप न हो। सिंघाड़ा जब पक जाता है, तो उसे काटकर एकत्रित किया जाता है। यह आमतौर पर बारिश के बाद के महीनों में होता है।

कमाई कितनी होगी

सिंघाड़े की खेती से कमाई कई कारकों पर निर्भर करती है जैसा की आपको बता दे की जितनी अधिक भूमि होगी, उतनी अधिक फसल होगी। औसतन, एक हेक्टेयर भूमि से 2-4 टन सिंघाड़ा प्राप्त हो सकता है। सिंघाड़े की कीमत स्थान, मौसम और मौसम के समय के आधार पर बदलती है। आमतौर पर, बाजार में कीमत ₹20 से ₹80 प्रति किलोग्राम हो सकती है। इसमें बीज, खाद, श्रम और सिंचाई की लागत शामिल होती है।यदि एक हेक्टेयर से 3 टन सिंघाड़ा मिलता है और बाजार मूल्य ₹50 प्रति किलोग्राम है।

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