बड़ा ऐलान, देसी गाय पालन और पक्का शेड बनाने के लिए ₹41000 की सब्सिड़ी देगी सरकार

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कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के लिए सरकार प्रयासरत है और कई योजनाओ का संचालन कर रही है. आजकल की आधुनिक कृषि में जमकर रासायनिक केमिकल युक्त उर्वरको का प्रयोग किया जा रहा है,जिससे जमीन की उर्वरकता को नुकसान हो रहा है, ऐसे में सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है. हिमाचल की सरकार ने देसी गाय पालन के लिए नई योजना की शुरुआत की है. जिसमे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय एवं पशु बाड़े का फर्श पक्का करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।

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मुख्यमंत्री ने कहाँ

गाय हमारी संस्कृति और आस्था का अभिन्न हिस्सा है। यह मातृभूमि की ममता का प्रतीक है, जो हमें संरक्षण और स्नेह प्रदान करती है। राजनीति और चुनावों की चकाचौंध से परे, गाय का महत्व समृद्धि का आधार है। हमारी सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में सहायता के लिए उत्तम नस्ल की गायों के क्रय पर अनुदान दे रही है, साथ ही गोशालाओं की फर्श पक्की करने हेतु सब्सिडी भी दी जा रही है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगे। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती और गौ पालन के ज़रिये समृद्धि की नई राह दिखा रहा है, जिससे किसान सशक्त हो रहे हैं और देशभर में एक आदर्श स्थापित कर रहे हैं।

41 हजार रुपए का अनुदान देगी सरकार

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी की सहायक तकनीकी प्रबंधक नेहा भारद्वाज ने इस समबन्ध में जानकारी दी और कहाँ की राज्य में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को देसी गाय खरीदने पर 33,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा और इसके साथ ही गौशाला का फर्श पक्का करने के लिए 8,000 रुपए की वित्त्तीय सहायता भी दी जाएगी। इस प्रकार पशुपालकों को कुल 41 हजार रुपए का अनुदान सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा।

बढ़ेगी किसानो की आय

सरकार की इस योजना से किसान और पशुपालको को प्रोत्साहन मिलेगा, और किसान अपनी आय में वृद्धि कर पाएंगे। प्राकृतिक खेती से पर्यावरण को भी फायदा होगा और देसी गाय के पालन से दूध, दही, माखन से पशुपालको की आय में वृद्धि होगी। गाय से मिलने वाले गोबर का प्राकृतिक खेती में महत्वपूर्ण योगदान है.

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क्षतिपूर्ति में भी सहयोग

अभियान के दौरान किसानो को प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी और साथ ही स्थानीय गाय की विभिन्न नस्लो के बारे में जानकारी भी दी गयी, प्राकृतिक खेती और देसी गाय पालन करने वाले किसानो को सरकार अनुदान के साथ-साथ क्षतिपूर्ति में भी सहयोग करेगी। जिससे किसान प्रोत्साहित भी हो और नुकसान भी न झेलना पड़े.