रबी सीजन की फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन किसानों को DAP खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से सरसों, गेहूं, जीरा और राय जैसी फसलों की बुवाई पर असर पड़ रहा है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने किसानों को DAP के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) खाद का उपयोग करने की सलाह दी है। इससे किसानों की लागत कम होगी और उत्पादन में वृद्धि होगी।
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सिंगल सुपर फॉस्फेट के बारे में
राजस्थान के कृषि विभाग ने रबी फसलों के लिए किसानों को DAP की जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) खाद का उपयोग करने की सलाह दी है। SSP एक फॉस्फोरस-समृद्ध खाद है, जिसमें 16% फॉस्फोरस, 11% सल्फर और कैल्शियम होता है। यह न केवल फसल की गुणवत्ता बढ़ाएगा बल्कि उत्पादन भी अच्छा रहेगा।
खाद की उपलब्धता
DAP की तुलना में SSP खाद बाजार में आसानी से उपलब्ध है। एक बैग DAP में 23 किलो फॉस्फोरस और 9 किलो नाइट्रोजन होता है, जबकि DAP के विकल्प के रूप में 3 बैग SSP और 1 बैग यूरिया का उपयोग करने से पौधों को 16 किलो कैल्शियम, 24 किलो फॉस्फोरस, 20 किलो नाइट्रोजन और 16 किलो सल्फर मिलता है। ये सभी पोषक तत्व फसलों के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
कृषि विशेषज्ञों की राय
कृषि अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसानों को आगामी रबी फसलों जैसे सरसों, गेहूं, चना, जीरा, राय, अरंडी आदि में DAP की जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) का उपयोग करने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि DAP की तुलना में 3 बैग SSP और 1 बैग यूरिया का उपयोग करने से फसलों को अधिक नाइट्रोजन, कैल्शियम और फॉस्फोरस मिलता है। जबकि 1 बैग DAP से फसल को केवल 9 किलो नाइट्रोजन और 23 किलो फॉस्फोरस ही मिलता है।
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SSP से फसल को 16.5 किलो अतिरिक्त सल्फर मिलता है, जो सरसों और जीरे में तेल की मात्रा बढ़ाने के साथ-साथ पैदावार को भी बढ़ाता है। इसके अलावा, सल्फर फसल में प्रोटीन और विटामिन की मात्रा बढ़ाता है, जो रबी फसल के लिए जरूरी है। इस तरह, DAP की जगह SSP खाद का उपयोग फसलों के लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।