Cement Price: अब बरसात के बिदाई के बाद सीमेंट की मांग में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहै है। कंस्ट्रक्शन गतिविधियों के फिर से शुरू होने के साथ, कई प्रमुख सीमेंट कंपनियों ने सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है। यह मूल्य वृद्धि आज से लागू हो गई है और इसमें 50 किलोग्राम (बोरी) पर ₹25 से ₹30 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह बढ़ोतरी खासतौर से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और तमिलनाडु में देखी गई है।
यह भी पढ़िए :- बेहद सस्ते में मिल रहा Honor 200 Pro 5G स्मार्टफोन, 5200mAh की तगड़ी बैटरी के साथ मिल रहा HD कैमरा सेटअप
30 रूपये तक सीमेंट के दामों में हुई वृद्धि
डीलरों की रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रति बोरी ₹20 से ₹30 तक की वृद्धि हुई है, जबकि तमिलनाडु में यह बढ़ोतरी ₹10 से ₹20 प्रति बोरी तक सीमित रही। UltraTech Cement, India Cements, Dalmia Bharat, ACC, Ambuja Cement, Ramco Cements, NCL Industries, और Orient Cement जैसी कंपनियों ने अपने सीमेंट के दाम बढ़ा दिए हैं, जिनकी नई कीमतें आज से लागू हो चुकी हैं।
कब हुई वृद्धि
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Jefferies की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर के महीने में सीमेंट की कीमतों में जरूरी बढ़ोतरी देखी गई। अनियमित मॉनसून के कारण दूसरी तिमाही में वॉल्यूम ग्रोथ में गिरावट आई थी। हालांकि, पेटकोक की कीमतें चार साल के निचले स्तर पर आ चुकी हैं, जो कंपनियों के लिए कुछ राहत का संकेत है।
मांग में कमी का असर
इससे पहले, मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया था कि अगस्त के तीसरे हफ्ते से कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया था। लेकिन डीलरों के अनुसार, इस बढ़त का सीमित लाभ ही मिल पाएगा। सीमेंट डिमांड में अनियमित बारिश, बढ़ते प्रतिस्पर्धा, और नॉन-ट्रेड सेगमेंट की कमजोरी के चलते गिरावट आई थी। आगामी फेस्टिवल और शादियों के सीजन में भी मांग में कमी का अनुमान है।
यह भी पढ़िए :- Post Office Saving Account Scheme: महज 500 रूपये महीने के जमा करने पर मिलेगा बहुत बड़ा अमाउंट, देखे क्या है मामला
क्यों बढ़ रहा कंसोलिडेशन का प्रभाव
सीमेंट इंडस्ट्री में कंसोलिडेशन का प्रभाव बढ़ रहा है, जहां UltraTech Cement, Adani Cement, और Dalmia Bharat जैसी बड़ी कंपनियां छोटी कंपनियों का अधिग्रहण कर अपनी स्थिति मजबूत कर रही हैं। वित्तीय वर्ष 2024 में सीमेंट डिमांड ग्रोथ 9% थी, लेकिन वित्तीय वर्ष 2025 में यह घटकर 6-7% तक रह सकती है, हालांकि इंफ्रा और हाउसिंग सेक्टर में बढ़ती मांग के कारण यह लंबे समय तक 8% तक बनी रह सकती है।