Buliding Material Rate: घर बनाने वालो की बड़ी मुशीबत महंगे हुए बिल्डिंग मटेरियल, देखे नए रेट, भारत में कई लोगों के लिए अपने घर का सपना पूरा करना अब मुश्किल होता जा रहा है, क्योंकि निर्माण सामग्री की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। हाल के बाजार रुझानों से पता चलता है कि ईंट, सीमेंट, रेत और स्टील की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, जिससे घर बनाने वालों और पूरे निर्माण उद्योग पर अतिरिक्त दबाव बढ़ा है।
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निर्माण क्षेत्र हर स्तर पर महंगाई की मार झेल रहा है। सीमेंट की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है, विभिन्न ब्रांड्स ने अपने दाम बढ़ा दिए हैं। रेत की कीमत नदी खनन पर प्रतिबंध के कारण बढ़ी है, वहीं बदरपुर और धूल की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है। ईंटों की कीमत प्रति हजार यूनिट में ₹1,000 तक बढ़ गई है।
बिल्डिंग मटेरियल के रेट में हुई बढ़ोतरी
स्टील की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव हो रहा है, जहां प्रति किलोग्राम ₹10 तक की वृद्धि दर्ज की गई है। रेत की कीमत प्रति घन फुट ₹10 बढ़ गई है और बदरपुर की कीमत में ₹8 तक का इजाफा हुआ है। इस प्रकार, प्रमुख निर्माण सामग्रियों की कीमतों में भारी बदलाव देखने को मिला है:
- सीमेंट: विभिन्न ब्रांडों द्वारा कीमतें बढ़ाई गईं।
- रेत: नदी खनन प्रतिबंध के चलते कीमतों में उछाल।
- बदरपुर और धूल: कीमतों में भारी वृद्धि।
- ईंटें: प्रति हजार यूनिट में ₹1,000 की वृद्धि।
- स्टील: प्रति किलोग्राम ₹10 की बढ़ोतरी।
महंगाई की मार से गड़बड़ाया बजट
बढ़ती कीमतों का सीधा असर निर्माण परियोजनाओं और सामग्री की बिक्री पर पड़ रहा है। कई घर बनाने वालों के लिए अपने मूल बजट को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है, जिसके चलते परियोजनाएं अधूरी रह जाती हैं या देरी का शिकार हो रही हैं। स्थानीय व्यवसायी विपिन गोयल कहते हैं, “निर्माण सामग्री की कीमतों में वृद्धि से बिक्री प्रभावित हो रही है। ईंट और बदरपुर के अलावा, सीमेंट और अन्य सामग्रियों की कीमतें भी बढ़ गई हैं।”
बजट से बाहर हो रहे हैं घर बनाने वाले
अचानक आई इस महंगाई से घर बनाने वाले बहुत परेशान हैं। फ्रीहोल्ड सेक्टर 23 के निवासी अनिल पाल ने अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा, “घर बनाना अब बहुत मुश्किल हो गया है। सीमेंट, रेत, ईंट और लोहे जैसी सभी निर्माण सामग्रियां महंगी हो गई हैं। पहले हम स्टील खरीदते थे, लेकिन अब यह और महंगा हो गया है। महंगाई के कारण हमारा बजट गड़बड़ा गया है, जिससे हमें काम की सीमा को घटाना पड़ा है।”
निर्माण उद्योग कीमतों को स्थिर करने और बिल्डरों एवं घर खरीदारों को राहत देने के लिए सरकारी हस्तक्षेप की मांग कर रहा है। जैसे-जैसे सामग्री की लागत बढ़ती जा रही है, सस्ते आवास का सपना कई भारतीय परिवारों के लिए दूर होता जा रहा है। उद्योग के हितधारक सरकार से ऐसी नीतियों की उम्मीद कर रहे हैं, जो इन कीमतों के प्रभाव को कम कर सकें और निर्माण क्षेत्र को विकास के पथ पर बनाए रख सकें।