रॉकेट बने प्याज,आलू,टमाटर के दाम, किचन बजट का कांटा हुआ लाल

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नवरात्रि का समय अब जा चूका है, लेकिन फिर भी सब्जी के दामों में उतार देखने को नहीं मिला है. सबसे डिमांडेड आलू,प्याज,टमाटर के दाम राकेट की रफ़्तार से बढ़ रहे है, 60 रूपये किलो के भाव से कम कोई भी सब्जी का दाम नहीं है, टमाटर ने तो 100 रूपये का आंकड़ा भी पार कर लिया है. जिससे आम आदमी के किचन का बजट बिगड़ गया है,

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लोग विचार में पड़ गए है, क्या ख़रीदे और क्या न ख़रीदे, पर खबर यह भी आ रही है की खाद्य पदार्थो के दाम चिंता बढ़ाने वाले है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का 45.9 प्रत्रिशत खाद्य पदार्थो का है, और सभी सब्जयों के दाम सुनने के बाद किचन बजट की स्थिति गड़बड़ा गयी है. TOP की हिस्सेदारी खुदरा खाद्य और पेय पदार्थों में 4.8% और ओवरऑल CPI में 2.2% है, लेकिन उनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का भी महत्त्व होता है.

इन फसलों के दाम बढ़ने की सबसे बड़ी वजह स्टोरेज की समस्या है, इस फसलो को ज्यादा स्टोर नहीं किया जा सकता। ख़राब होने जल्दी लगते है, और कोल्ड स्टोरेज उत्पादन की तुलना में बहुत कम है. ऐसे में मार्केट पर सभी फसलों की मांग लगातार बनी रहती है. टमाटर, प्याज और आलू की कीमतें ज्यादा इसलिए भी बढ़ जाती है, अब किसानो की नई फसल ज्यादा मात्रा में आने लगी तो दाम घट जायेगे।

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इसके पहले भारत में 20.4 मिलियन मीट्रिक टन (MMT), प्याज का प्रोडक्शन 30.2 MMT और आलू का प्रोडक्शन 60.1 MMT से भी ऊपर की सम्भावना जताई जा रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक सब्जियों के दाम अब्कम हो सकते हैक्युकी मार्केट में नई फसले आना शुरू हो चुकी है. अब इन्तजार है की टमाटर कब अपनी समतल कीमत पर आते है।

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