किसान भाई के जीवन में पैसा ही पैसा वर्षा दे ये फसल, बाजार में इस फसल की भारी डिमांड

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किसान भाई के जीवन में पैसा ही पैसा वर्षा दे ये फसल, बाजार में इस फसल की भारी डिमांड।

नमस्ते दोस्तों आपको बता दें कि अगर आप इस फसल की खेती करते हैं तो पैसों की होगी आप पर बारिश हम आपके लिए आप एक ऐसी चीज लेकर आए हैं जो की बहुत ही स्वादिष्ट और हर तरह-तरह की चीजे बनती है जिसकी खेती करके आप काफी अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं हम जिस चीज की बात करें वह है तिल की खेती चलिए जानते हैं तिल की खेती किस तरह की जाती है।

तिल की खेती कैसे की जाती है

तिल (Sesamum indicum) की खेती एक लाभकारी कृषि गतिविधि है, जो विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में की जा सकती है। तिल के बीज का उपयोग खाद्य, औषधीय और तेल के लिए किया जाता है।

जलवायु और मिट्टी

तिल की खेती गर्म जलवायु में होती है। यह 25-35 डिग्री सेल्सियस के तापमान को पसंद करता है।

मिट्टी

हल्की बलुई से लेकर दोमट मिट्टी तिल के लिए उपयुक्त होती है। मिट्टी की अच्छी जल निकासी सुनिश्चित करें।

बीज का चयन

उच्च गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें। स्थानीय कृषि कार्यालय या बीज दुकान से प्रमाणित बीज खरीदें।

बुवाई का समय

तिल की बुवाई मानसून के मौसम में या गर्मियों की शुरुआत में की जा सकती है।

बुवाई की प्रक्रिया

बीजों को 1-2 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। पौधों के बीच लगभग 20-30 सेंटीमीटर की दूरी रखें। यदि आप पंक्तियों में बोते हैं, तो पंक्तियों के बीच 30-45 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

सिंचाई

बीज बोने के बाद हल्की सिंचाई करें। पौधों की वृद्धि के दौरान, मिट्टी की नमी बनाए रखें। विशेष ध्यान दें कि पानी का जमाव न हो।

खाद और उर्वरक

बुवाई से पहले अच्छे जैविक खाद का उपयोग करें। उर्वरक के रूप में NPK का संतुलित अनुपात (नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटेशियम) डालें।

कटाई

जब तिल के पौधे पीले और सूखे हो जाएँ, तब कटाई का समय होता है। यह आमतौर पर 3-4 महीने बाद होता है। सूखे तिल की फसल को कटाई के बाद छाया में सुखाएँ।

कमाई कितनी होगी इस फसल से

तिल की खेती से होने वाली कमाई कई कारकों पर निर्भर करती है। आमतौर पर, तिल की उपज लगभग 5 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ होती है, लेकिन यह प्रबंधन, मिट्टी की गुणवत्ता और जलवायु पर निर्भर करता है। तिल के बीजों का मूल्य विभिन्न बाजारों में भिन्न होता है। भारत में, तिल की कीमत लगभग ₹60 से ₹100 प्रति किलोग्राम हो सकती है, लेकिन यह बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है। खेती की लागत में बीज, खाद, उर्वरक, श्रम, सिंचाई और अन्य प्रबंधन खर्च शामिल होते हैं। कुल लागत आमतौर पर प्रति एकड़ ₹15,000 से ₹25,000 के बीच होती है। इस तरह, तिल की खेती से शुद्ध लाभ प्रति एकड़ लगभग ₹40,000 से ₹50,000 तक हो सकता है, लेकिन यह स्थानीय बाजार और कृषि प्रबंधन के अनुसार भिन्न हो सकता है। सही तकनीक और प्रबंधन के साथ, आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।

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