31 अक्टूबर तक किसान करा सकेंगे धान-मक्का खरीदी का पंजीयन, जाने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

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खरीफ की फसल किसानो द्वारा बिक्री करने के लिए पंजीयन आवश्यक है, जिसकी प्रक्रिया 1 जुलाई से चली आ रही है, मक्का और धान की खरीदी के लिए पंजीयन 31 अक्टूबर तक किया जा सकेगा। जिन किसानो ने पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की है वे जल्द ही सहकारी समिति प्रबंधक या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से कर ले अन्यथा MSP पर फसल की खरीदी नहीं की जावेगी।

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कृषक उन्नति योजना का लाभ लेने के लिए वारिसान पंजीयन हेतु तहसील कार्यालय में आवेदन करे तथा अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, समिति प्रबंधक से संपर्क कर नया पंजीयन, फसल, रकबा संशोधन एवं कैरी फारवर्ड की प्रक्रिया को पूर्ण करे.

किसानो को कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संचालित पोर्टल के माध्यम से इस पंजीयन किया जाएगा। नवीन पंजीयन तथा पंजीकृत फसल और रकबे में संशोधन की कार्यवाही इसी पोर्टल के माध्यम से सहकारी समिति द्वारा की जायेगी। \

एकीकृत किसान पोर्टल में धान एवं मक्का उपार्जन योजना को सम्मिलित किया गया है, जिसके तहत किसानों को समर्थन मूल्य पर विक्रय के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। जो किसान पिछले खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में पंजीकृत थे, उन्हें आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए पुनः पंजीकृत माना जाएगा। इसके लिए 2023-24 के दौरान पंजीकृत किसानों की भूमि, धान के रकबे और खसरे की जानकारी को राजस्व विभाग द्वारा अद्यतन किया जाएगा। यह कार्य एकीकृत किसान पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।

खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान, आधार आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली लागू होगी। किसान द्वारा धान विक्रय के समय स्वंय उपस्थित होकर या नामांकित नामिनी के द्वारा बायोमेट्रिक प्रणाली से समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया जा सकेगा। पंजीयन के समय किसान और उसके एक नामिनी का आधार नंबर एकत्रित किया जाएगा।

नामिनी के रूप में किसान अपने परिवार के सदस्य जैसे माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, दामाद-पुत्रवधू, सगे भाई-बहन या अन्य करीबी रिश्तेदार को नामांकित कर सकते हैं। यदि किसान अपने पिछले वर्ष के नामिनी में परिवर्तन करना चाहता है, तो यह कार्य समिति स्तर पर किया जाएगा। नए पंजीकृत किसानों से नामिनी की जानकारी पंजीयन के समय ली जाएगी।

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हिस्सेदार, बटाईदार और अधिया रेगहा के तहत खेती करने वाले किसान स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं, या खेत का मालिकाना हक रखने वाला कृषक संबंधित कृषक को नामिनी के रूप में पंजीकृत करा सकता है। प्रत्येक खरीदी केंद्र में बायोमेट्रिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए एक स्थायी खरीदी केंद्र प्रभारी नियुक्त किया जाएगा, जिसका आधार नंबर भी एकत्रित किया जाएगा।