किसानों की झोली पैसों से भर देगी ये हरे साग की फसल, एक गुच्छा बिकेगा 200 का, सिर्फ 2 बीघा में होगा तगड़ा मुनाफा, जाने इस फसल के बारे में।
कोलार्ड ग्रीन्स की खेती
इस सब्जी की खेती करना काफी ज्यादा आसान है। इस सब्जी की खेती करने के लिए आपको पूरी जानकारी होना चाइये। जैसे की आपको कोलार्ड ग्रीन्स के लिए उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। pH स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। इसे आमतौर पर रबी (सर्दी) सत्र में अक्टूबर से नवंबर और खरीफ (बरसात) सत्र में जून से जुलाई के बीच बोया जाता है। अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें। आप स्थानीय कृषि केंद्र से बीज खरीद सकते हैं। बीजों को 1-2 इंच की गहराई पर बोया जाता है। रोपाई की दूरी 30-45 सेमी रखनी चाहिए। मिट्टी को हमेशा नम रखें, लेकिन जलभराव से बचें। सामान्यत: 7-10 दिन में एक बार सिंचाई करें। बुवाई के समय, जैविक खाद का प्रयोग करें। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के संतुलित अनुपात में उर्वरक डालें। नियमित रूप से खरपतवार निकालें और कीटों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें। कोलार्ड ग्रीन्स को 60-75 दिन के बाद काटा जा सकता है। पत्तियाँ हरी और स्वस्थ दिखाई देने पर काटें। कटाई के बाद, ग्रीन्स को ठंडे, सूखे स्थान पर रखें। यह सब्जी ताजा रहने पर ही सबसे अच्छी होती है। इसकी खेती से किसानों को अच्छे दाम मिल सकते हैं, खासकर अगर यह ताज़ा बाजार में बेची जाए।
कमाई कितनी होगी
इस सब्जी की कमाई आप बहुत ही आसानी से कर सकते हैं इस सब्जी की खेती में आपको काफी अच्छा प्रॉफिट देखने को मिलेगा और सबसे खास बात की आपको इसमें एक नया रोजगार और बाकियों को भी नया रोजगार मिलेगा इस सब्जी को कोलार्ड ग्रीन्स की खेती से कमाई विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे उत्पादन की मात्रा, बाजार मूल्य, और खेती की लागत। औसतन, एक हेक्टेयर भूमि से 10-15 टन (10,000-15,000 किलोग्राम) कोलार्ड ग्रीन्स की उपज हो सकती है। यह खेती की तकनीक, जलवायु, और मिट्टी की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। कोलार्ड ग्रीन्स की कीमत आमतौर पर ₹20 से ₹60 प्रति किलोग्राम होती है, जो क्षेत्र और बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है। यदि एक हेक्टेयर से 12 टन (12,000 किलोग्राम) कोलार्ड ग्रीन्स मिलती है और बाजार मूल्य ₹30 प्रति किलोग्राम है। इस प्रकार, कोलार्ड ग्रीन्स की खेती से प्रति हेक्टेयर ₹2,00,000 से ₹3,00,000 तक की कमाई संभव है, लेकिन यह सभी कारकों पर निर्भर करता है।
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